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वाराणसी : महात्मा गाँधी अक्सर कहते थे की हर एक व्यक्ति को स्वंय अपना सफाईकर्मी होना चाहिए |
और जब हर एक व्यक्ति सफाई के प्रति अपना योगदान देता रहेगा तो वो सारी गन्दगीया अपने आप दूर
हो जायेंगे | ये बात 'सुलभ इंटरनेशनल ' के संस्थापक पद्रभूषण डॉ.बिंदेश्वर पाठक ने कही |
वह बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में 'पार्टिसिपेशन ऑफ़ एनजीओ इन सोशल ट्रांसफॉर्मेशन ' स्वच्छ भारत अभियान विषय पर भाषण दे रहे थे|
 उन्होंने कहा कि भारत जैसे राष्ट्र में परंपरागत तौर पर श्रम विभाजन का बड़ा आधार जाति व्यवस्था रही है। इसका परिणाम यह है कि सफाई की जिम्मेदारी कुछ निश्चित जातियों पर ही डाल दी गई। दूसरी तरफ घर की चारदीवारी के अंदर सफाई को लेकर। और  सफाई है बापू के प्रतिं सच्ची श्रद्धांजलिं
वरिष्ठ पत्रकार शशि शेखर ने कहा कि बापू के जन्मदिन के अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की 2019 में बापू की 150वीं जयन्ती से पूर्व पूरे भारत को स्वच्छ बनाने का आग्रह न केवल हमारे राष्ट्रपिता के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धाञ्जलिं है बल्किं जनमानस में स्वच्छता क": आदतसे आगे बढ़कर इसे सामाजिक आदत में बदलना है। अध्यक्षता करते हुए कुलपतिं प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि दरअसल स्वच्छता केवल एक हाइजीन सेंस ही नहीं है बल्किं सामाजिक रुपांतरण की एक मुकम्मल व्यवस्था भी है जहा हम इससे जुड़े जातिं एवं लैंगिक पूर्वाग्रह की बेड़ियों को तोड़ते हैं। संकायाध्यक्ष प्रो. मंजीत चतुर्वेदी ने कहा कि डा. पाठक ने अपने कार्यों से समाज की उस मानसिक जड़ता को तोड़ा है जो सदियों से लैंगिक और जातीय पूर्वाग्रह से ग्रसित रहा है। संचालन डा. विमल कुमार लहरी व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जयकांत तिवारी ने  किया।
संग्रहालय का किया अवलोकन पद्मभूषण डा. बिंदेश्वर पाठक ने बीएचयूस्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र के लोक कला संग्रहालय व पुस्तकालय का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र के समन्वयक प्रो. सदानंद शाही से भी मुलाकात की।

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